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लेखनी कहानी -08-Mar-2022 नारी एक रूप अनेक

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी के सम्मान में कुछ पंक्तियां 

 तू जननी है तू करुणा है तू ही शील तू सरला 
महिषासुर मर्दनी भी तू फिर क्यों है तू अबला 

सौंदर्य की तू प्रतिमूर्ति तेरे कदमों में शौर्य है बिछता 
मोहिनी रूप से सबको छकाये ऐसा हुस्न बिखरता 

त्याग की देवी, धीरज धरणी, संयम का दूजा नाम 
लाज की चादर ओढ़ चले तू दूर रहे तुझसे "काम" 

चरित्र का गहना पहन करे मुस्कान से तू श्रंगार 
नैनों से ही कत्ल करे और "चाल" से जनसंहार 

बल, बुद्धि, विद्या की देवी ममता की है खान 
तेरी महिमा का मैं "अदना" कैसे करूं बखान 

राजनीति से घर गृहस्थी तक तू ही तू है छाई 
पुरुष को पूर्ण बनाने को ही तू इस जग में आई 

हरिशंकर गोयल "हरि"
8.3.22 


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8 Comments

Swati chourasia

08-Mar-2022 08:15 PM

Very beautiful 👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 11:33 PM

हार्दिक आभार मैम

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Punam verma

08-Mar-2022 07:41 PM

Very nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 11:32 PM

धन्यवाद मैम

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Seema Priyadarshini sahay

08-Mar-2022 05:14 PM

बहुत खूबसूरत

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Mar-2022 06:14 PM

धन्यवाद जी

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